दलितों को पढ़ने का अधिकार नहीं?
मैनपुरी. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर संभव मदद कर बच्चों को शिक्षित करने में लगीं है, लेकिन जनपद मैनपुरी के करहल तहसील क्षेत्र में एक गांव ऐसा भी है जहां दबंगों की दबंगई और भय के चलते गांव के अधिकांश दलित बच्चों ने प्राथमिक विद्यालय जाना छोड़ दिया है. प्राथमिक विद्यालय के ये दलित बच्चे अब अपने घर पर ही पढ़ने को मजबूर है.
पूरा मामला करहल तहसील क्षेत्र के ग्राम नगला सीताराम का है, जहां गांव के अधिकांश दलित बच्चे प्राथमिक विद्यालय हरदासपुर में पढ़ते हैं. बीते 10 दिन पूर्व विद्यालय में बच्चों को लेकर हुई मारपीट हुई थी, जिसके बाद दबंगों की धमकियों के आगे ग्रामीण और बच्चे इतने खौफजदा हैं कि ग्राम नगला सीताराम के अधिकाश दलित बच्चों ने प्राथमिक विद्यालय जाना बंदकर दिया है. मजबूरी वश अब गांव के दलित बच्चे अब अपने घर ही पढ़ने को मजबूर हैं. तमाम अभिभावक ने अपने बच्चों की जान-माल की सुरक्षा और भय के चलते बच्चों की पढ़ाई बंद करने का मन बना रहे हैं. शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए मामले पर चुप्पी साधे हैं. स्कूल में मारपीट की घटना पर लापरवाही बरतने वाले शिक्षक की कार्यप्रणाली ग्रामीणों को रास नहीं आई है.
परेशान ग्रामीणों और दलित छात्र छात्राओं ने एक बार फिर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है. ग्रामीणों और बच्चों ने “योगी मेरी सुनो फरियाद-हम बच्चों को न्याय दो” के नारे लगाकर प्रदेश मुख्यमंत्री का ध्यान अपनी ओर खींचा है. उन्होंने कड़े कदम उठाने की मांग की है, ताकि दलित बच्चों को समुचित शिक्षा प्राप्त हो सके.